Wednesday, 9 April 2008

ज़िंदगी

लम्हा लम्हा सरकती गुज़रती है ज़िंदगी,
यादों का गुलिस्तान सजाती है ज़िंदगी,
सपनों की सौगात लाती है ज़िंदगी,
खुशियों की बारात लाती है ज़िंदगी,
लम्हा लम्हा सरकती गुज़रती है जिंदगी।


राही की मंजिल तय करती ज़िंदगी,
ख्वाबों को पूरा करती ज़िंदगी,
काँटों में फूल खिलाती ज़िंदगी,
निराशा में आशा भरती ज़िंदगी,
लम्हा लम्हा सरकती गुज़रती है ज़िंदगी।

1 comment:

Saurabh Patwari said...

wonderful background color,
nice poems,
good going, keep the good work.
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