Wednesday 18 August, 2010

ये कैसा मौत का तमाशा है

ये कैसा मौत का तमाशा है
पागलपन में डूबा जग सारा है
ढोंग करता मनु, हर हथियारा है
ये कैसा मौत का तमाशा है।
किसी की मौत यहाँ सुनहरा मौका है
अपना मतलब सिद्ध करने का पुलिया है
गुस्से को जाहिर करने का गलियारा है
ये कैसा मौत का तमाशा है।
ये कैसी खोखली श्रधांजलि है
आँखें है नम पर मन में मतलब की आग है
मौत के नाम पर खोखला अधिकार जगा है
ये कैसा मौत का तमाशा है।
मिडिया की होड़ में सच लगा है
दंगे में उसकी मौत का बदला छुपा है
कहो तो, सच्चाई के लिए, ये झगडा है
ये कैसा मौत का तमाशा है।
दुनिया का कैसा ये मृत्यु महोत्सव है
सच्चाई के नाम पर ढोंग का तांडव है
पागलपन में डूबा जग सारा है
ये कैसा मौत का तमाशा है।

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